रविवार, 13 नवंबर 2016

लोगो द्वारा मुझसे पूछे जाने वाला सावल

सवाल जवाब एक ऐसा शब्द वाक्य है जो इंसान के हर वार्ता को आरंभ करता है, और इसी से एक दुसरे से हम अपना संपर्क बनाये रहते है . लेकिन मेरे  साथ जो भी पहली मुलाकात में मिलता है तो उनके मन में मुझसे जुड़े विभन्न सवाल उनके मन में उत्पन्न हो जाते है। जो कुछ लोग पूछने की हिम्मत कर के पूछ लेते हैं तो कुछ लोग नहीं पूछते . उन्ही सवालो का आज मैं अपने ब्लॉग के जरिये उत्तर देना चाहता हूँ . मेरे से पूछे जाने वाले सवाल -
  • आपका नाम मुस्लिम जैसा क्यों है क्या आप मुस्लिम हो?
उत्तर = दोस्तों मैं मुस्लिम नहीं .मुझ मे भी हिन्दू धर्म का लेबल लगा है .


मेरे नाम का शब्द "शब्बीर" है और मेरे सर नेम "चौरसिया" है जिसके कारण लोग तुरंत कंफुज़ हो जाते है की मुस्लिम जैसा नाम और सर नेम चौरसिया जो हिन्दू है . इसका कारण यह है की मेरे माता पिता को शादी के  5 वर्षो बाद तक एक भी संतान नहीं था जिसके कारण वे बहुत हताश थे, और वे लोग कई तरह के कर्मकांड और अध्यात्म के चक्कर में फसे थे. कई देवी देवता की पूजा पाठ एवं विभन्न धर्मो के इश्वरो से मन्नत मांगते थे .डॉक्टर से भी कई इलाज हुए . फिर मेरे पिता को किसी ने कहा की आप मुहर्रम में ताजिया बनवा कर मन्नत मांगो तो आपकी संतान प्राप्ति होगी. जैसा की मेरे पिता जी ने मुस्लिम दरगाह में हर शुक्रवार को लोभान जलाते और मन्नत मांगे की संतान प्राप्ति पर मैं ताजिया बनवाऊंगा . और जैसा की एक वर्ष के अन्दर में ही मेरे माँ पिता के किस्मत में मैं आया .और इस ख़ुशी के कारण ही मेरे पिता जी ने मेरा नाम "शब्बीर" रखा है जो एक मुस्लिम नाम है।
  •  आपकी शारीरिक विकाश कम क्यों है अर्थात आपकी उचाई कम कैसे है?  





उत्तर = इस सवाल का जवाब ये है दोस्तों की मेरे जन्म के वक्त मैं भी नोर्मल (सामान्य) बच्चे की तरह पैदा हुआ था (बचपन की तस्वीर देखे) परन्तु जैसे ही पैदा हुआ उसी वक्त मुझे निमोनिया हो गया जिस से मुझे गर्म हीटर वाले बक्से में रखा गया था, फिर इसके बाद मुझे आये दिन कई बार निमोनिया हुआ जिसके कारण मेरे हड्डियों के अन्दर का मज्जा को नुकसान पंहुचा .जब मेरा उम्र 3 वर्ष का हुआ फिर मेरे हाथ पाँव की हडियाँ हलकी सी ठोकर से टूटने लगा .इसके मुझे दिल्ली के सबसे बड़े हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया जहा डॉक्टर ने कहा की इनके हडियाँ कमजोर होने के कारण टूट जाता है  इस कारण इसे सम्हाल के रखो और इनका शारीरिक विकाश नहीं हो पायेगा . इस वजह से आज मेरा शरीर एक नये रूप में आया है. न ही मैं बौना प्रजाति से हूँ..

दूसरी बात मैं अपना सारा काम स्वयं करता हूँ मुझे किसी की आवश्यकता नहीं .नहाना धोना इत्यादि सभी काम मैं स्वयं करता  हूँ. कपडे बदलने से ले कर सारा काम.


  •  आप खाना कितना खाते हो?  

उत्तर = दोस्तों मैं भी एक सामान्य इन्सान हूँ, और एक नार्मल खाना ही खाता हूँ . मेरे को कोई बीमारी नहीं न किसी चीज का परहेज है. और जितना शरीर का अनुपात है  उस अनुपात में खाना खाता हूँ.

  •  आप इतना पढ़े लिखो हो तो अभी तक नौकरी क्यों नहीं मिली आप को तो विकलांगता का आरक्षण  मिला होगा ?  
उत्तर = दोस्तो पढ़ा लिखा तो खूब हूँ और ये भी सही है की आरक्षण  मिला है फिर क्यों..? क्योकि आज के समय में नौकरी के लिए सबसे पहले प्राथमिक परीक्षा होता है जिसके बाद ही आपका आरक्षण में छुट मिलता है. और मैं आज तक परीक्षा में सफल नहीं हो पाया तो नौकरी कहाँ से मिलेगा .

तो इस तरह से मुझसे मिले वाले लोगो का पहला सवाल होता है , मैंने आज अपने ब्लॉग के माध्यम से देने की कोशिश किया है . चाहो तो आप मुझसे और भी सवाल पूछ सकते हो. 

---शब्बीर चौरसिया