शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

सफलता की पहली और छोटी सीढ़ी

काफ़ी दिनों बाद आज ब्लॉग लिखने को विषय मिला. बात आगे लिखू इस से पहले एक बात कहनी है की जीवन में प्रयत्न करते रहो चाहे मंजिल मिले न मिले और साथ ही खुद अपने पर भरोसा रख कर कोई काम करो तब सफलता मिलने का उम्मीद ज्यादा होती है . जैसा की दोस्तों मेरे पास नौकरी नहीं फिर भी कुछ न कुछ कर के मैं आगे बढ़ रहा हूँ .इसमें केवल मेरा इच्छा शक्ति ही है जो मुझे आगे ले जा रहा है. जीने की चाह हो या फिर कुछ बनने की होसला, सभी बाते मेरे इच्छा पर निर्भर करता है. कुछ दिन पहले मैं अपने व्यवसाय को बढ़ाने के उद्देश्य से एक चॉइस सेंटर जो की "डिजिटल सेवा केंद्र" होता है उस के मध्य से पैसा कमाना चाहता था .लेकिन इसके लिए लाइसेंस लेना पड़ता है .जो की इसी लाइसेंस को पाने के लिए मैंने अपने कोरबा जिला पंचायत से आवेदन लगाया .किन्तु उनसे मुझे कुछ भी फ़ायदा नही हूँ . तीन महीने से घुमाया जा रहा था .अंत में हतास होने लगा तो मैंने खुद ही डिजिटल सेवा के लिए ऑनलाइन आवेदन लगाया और देखो दो महीने में ही मेरी कोशिस रंग लाई. और अभी कुछ दिन हुए हैं मुझे इस कार्य के लिए आईडी मिल गया. अब नौकरी न भी मिले तो भी इसी को आगे बढ़ा कर अपना लक्ष्य हालिस करूँगा . देखना ये है की ये कहा तक सफलता को लाता है . अब अपने क्षेत्र में एक दुकान ले कर एक चॉइस सेंटर को खोलना चाहता हूँ . बस यही मेरे जीवन में एक नया बात था जिसे ब्लॉग के जरिये आपसे शेयर किया .... --शब्बीर चौरसिया