बुधवार, 28 फ़रवरी 2018

इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर से मिले मुझे दो पैर

आज मैं मैने अपने पैसे से इलेक्ट्रिक व्हील चेयर (Electronic Wheelchair) खरीदा, मेरा बहुत दिन से सपना था की इस व्हील चेयर को मैं खरीदू , पर इसकी कीमत अधिक होने से आज तक नही ले सका था। क्योंकि पहले यह व्हीलचेयर भारत में कम बनता था जिससे इसकी कीमत एक लाख से अधिक होता था। लेकिन अब यह भारत में भी मिलने से इसकी कीमत में थोड़ी कमी आई जिसके कारण मैं इसे खरीद सका। इस व्हीलचेयर को मैंने 55000 ₹ में अहमदाबाद गुजरात से ऑनलाइन खरीद कर मंगाया था।  

इसे पाकर मुझे ऐसा लगा मानो मुझे दो पैर मिल गए हो, मतलब मुझे ऐसा लगा कि मैं भी आम इंसानों की तरह चल फिर सकता हूं। अब मैं किसी के भरोसे नहीं, पहले मुझे इधर उधर जाने में बहुत दिक्कत होता था, कोई मुझे ले जाते थे तब जा पाता था। लेकिन इस व्हीलचेयर के द्वारा अपने घर में एक कमरे से दूसरे कमरे में आ जा सकता हूं। इसका कंफर्टेबल और छोटा साइज होने के कारण यह कहीं भी आसानी से चला जाता है। अब मैं कुछ हदतक किसी के भरोसे नहीं रहा। इस इलेक्ट्रॉनिक व्हीलचेयर के जरिए मैं कहीं भी आ जा सकता हूं।





बुधवार, 21 फ़रवरी 2018

चॉइस सेंटर का उद्घाटन

आज मेरे चॉइस सेंटर लोक सेवा केंद्र का उद्घाटन किया. अपने पहले वाले  घर से चॉइस सेंटर का कम सुरु किया था जिसे आज अपने नए घर के करण वहां को छोड़ना पड़ा , और अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए अपने ही घर के थोड़ी दूर में एक शॉप रेंट (किराये) पर ले कर सुरु किया. कल तक अपने घर भर ही कार्य आरंभ किया था लेकिन अब अपने 5 साल के वर्क को कमर्शियल एरिया में लाकर खोला है. अब देखना यह है कि मुझे इससे कितना फायदा होता है. हालांकि यह मेरा किराया का दुकान है परंतु धीरे से मैं खुद का है दुकान लेकर  अपने  व्यवसाय को बढ़ा लूंगा। लेकिन तब तक अभी यंही काम करना है. शॉप के उद्घाटन पर  मैं किसी ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया था घर ही घर के लोगों के द्वारा और कुछ पास्टर जैसे पास्टर ग्वाल सर , और एफ.आर. साहू सर तथा सत्या भाई और मेरे माँ पिता जी और भाई बहन उपस्थित थे. सभी के साथ एक छोटा सा प्रार्थना किया. और अपने चॉइस सेंटर को प्रारंभ किया.