बुधवार, 1 जून 2016

कौन बनेगा जीवन का सहारा

कभी कभी मैं सोचता हैं कौन बनेगा मेरा जीवन का सहारा? मैंने अपनी हालात से ये नहीं सोचा था की जीवन के इतने लम्बे सफ़र पार कर पाउँगा। आज मेरा उम्र और शरीर की तुलना करू तो शरीर से ज्यादा मैं जिन्दा रह चूका हूँ। और पता नहीं ये कितने दिन तक और सांस चलेगा। इसलिए आनेवाले कल के लिए मुझे चिंता होती है की माँ पापा के बाद क्या होगा। 

माँ बोलती है शादी कर लो पर ओ क्या जाने की अच्छे-अच्छो का बीवी साथ नहीं देता तो मेरे जैसे को कौन पूछे। माना की दुनिया में लड़की की कमी नहीं यदि शादी करना चाहू तो,पर क्या मतलब ऐसा प्यार का जो केवल मतलब के लिए मुझसे मज़बूरी में शादी करे।इस लिए मैं इसमें ध्यान नहीं देता। 

फिर सोचता हूँ कोई अनाथ बच्चे को गोद ले लूँ क्योकि फैमिली के बच्चे गोद लेने से क्या फ़ायदा जब खुद का बच्चा साथ नहीं देता तो फैमिली के बच्चे  क्या देगा, इसलिए अनाथ को गोद लेना चाहता हैं। पर समझ नहीं आता की किस उम्र के बच्चे को गोद लूँ यदि छोटे बच्चे को लूंगा तो उसे बड़ा करते करते मैं खुद मर चूका हूँगा तो ओ क्या साथ देगा? यदि 15 साल के बच्चे को गोद लूँ तो क्या पता उसका नियत ठीक रहेगा की नहीं। बस इसी दुविधा में अभी जी रहा हूँ। 

क्या होगा मेरा और कौन करेगा सेवा?

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